गपुर गाँव में महापंचायत
हरियाणा के फरीदाबाद ज़िले में स्थित ऐतिहासिक अनंगपुर गाँव इन दिनों Forest Department और Municipal Corporation द्वारा चलाए जा रहे तोड़फोड़ अभियान के विरोध में सुर्खियों में है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 2022 के निर्देश के तहत की जा रही है, जिसके अनुसार पंजाब लैंड प्रिज़र्वेशन एक्ट (PLPA) की धारा 4 के अंतर्गत आने वाली जमीनों पर बनी अवैध संरचनाओं को हटाया जाना है। लेकिन सवाल यह है – क्या centuries-old बस्तियाँ और किसानों के घर भी “अवैध” हैं?
भारतीय किसान यूनियन इंडिया का समर्थन
इस ऐतिहासिक महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन इंडिया (Bhartiya Kisan Union India) में के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी हिस्सा लिया।
उन्होंने मंच से कहा:
“ये सिर्फ ज़मीन नहीं, हमारे पुरखों की पहचान है। किसान अपनी मिट्टी के लिए जान दे सकता है लेकिन भाग नहीं सकता। ये संघर्ष सिर्फ अनंगपुर का नहीं, पूरे देश के किसानों का है।”
उनके संबोधन में गाँववालों को एकजुट होकर शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष जारी रखने और कानूनी मार्ग अपनाने का आह्वान किया गया।
राजनैतिक और सामाजिक समर्थन
इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन इंडिया (Bhartiya Kisan Union India) में, आप नेता सौरभ भारद्वाज, गुर्जर समाज के प्रतिनिधि और कांग्रेस कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
यह दिखाता है कि मुद्दा सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि सामाजिक और मानवीय है।
निष्कर्ष: यह सिर्फ एक गाँव की लड़ाई नहीं है
अनंगपुर का संघर्ष हर उस किसान का संघर्ष है जो अपनी जमीन, पहचान और हक़ के लिए खड़ा है।
भारतीय किसान यूनियन इंडिया (Bhartiya Kisan Union India) में इस लड़ाई में गाँव के लोगों के साथ खड़ी है — कंधे से कंधा मिलाकर।
“जय जवान, जय किसान!”
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